Hindenburg Research कौन है ?, हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी को क्यों हुआ भारी नुकसान ? (Who is Hindenburg Research)
Who is Hindenburg Research?
Who is Hindenburg Research : हिंडनबर्ग रिसर्च एलएलसी एक निवेश अनुसंधान फर्म है, जो 2017 में नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग पर ध्यान केंद्रित करती है, न्यूयॉर्क शहर में स्थित है। 1937 के हिंडनबर्ग आपदा के नाम पर, जिसे वे मानव निर्मित परिहार्य आपदा के रूप में चिह्नित करते हैं, फर्म अपनी वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक रिपोर्ट तैयार करती है जो कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और दुर्भावना का आरोप लगाती है। कंपनियां जो उनकी रिपोर्ट का विषय रही हैं, उनमें अदानी समूह, निकोला, क्लोवर हेल्थ, कंडी, और लॉर्डस्टाउन मोटर्स शामिल हैं। इन रिपोर्टों में शॉर्ट-सेलिंग के अभ्यास की रक्षा भी शामिल है और रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले कंपनी में शॉर्ट पोजीशन रखते हुए कैसे वे “धोखाधड़ी को उजागर करने और निवेशकों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं”।
प्रचालन
हिंडनबर्ग रिसर्च अपने सार्वजनिक रिकॉर्ड और आंतरिक कॉर्पोरेट दस्तावेजों के साथ-साथ अपने कर्मचारियों से बात करके छह या अधिक महीनों में लक्षित कंपनी पर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करता है। इसके बाद रिपोर्ट को हिंडनबर्ग के सीमित भागीदारों को परिचालित किया जाता है, जो हिंडनबर्ग के साथ मिलकर लक्ष्य कंपनी में एक छोटी स्थिति लेते हैं। यदि लक्ष्य कंपनी के शेयर की कीमत में गिरावट आती है तो हिंडनबर्ग मुनाफा लेता है
अदानी समूह की रिपोर्ट
जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग ने खुलासा किया कि उसके पास भारत के अडानी समूह में छोटे पद थे, और ऋण और लेखा संबंधी चिंताओं को चिह्नित किया। समवर्ती रूप से, हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें दावा किया गया कि भारतीय समूह अडानी समूह “दशकों के दौरान एक बेशर्म स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी योजना में लगा हुआ है”। रिपोर्ट जारी होने के तुरंत बाद, अदानी समूह की कंपनियों ने अपने शेयर की कीमतों में भारी गिरावट का अनुभव किया
Hindenburg Research की रिपोर्ट का लिंक निचे दिया गया है
सारांश
24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।
Adani Group Responds to Hindenburg Research Report
गौतम अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर साजिश के तहत हमला बताया है। ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया। इसमें लिखा है कि अडाणी समूह पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ग्रुप ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है।
हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडाणी ग्रुप पर हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट जारी होने के तुरंत बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हो गई थी। फोर्ब्स के मुताबिक, अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
अमीरों की लिस्ट में अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए थे। 25 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 9.20 लाख करोड़ थी, जो 27 जनवरी को 7.88 लाख करोड़ रुपए पर आ गई थी। अब 30 जनवरी को उनकी नेटवर्थ घटकर 7.18 लाख करोड़ रुपए हो गई और वे 8वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के प्रति क्या जवाब दिए आइये निचे दिए गए 4 पॉइंट्स क माध्यम से इन्हे जानते है
1. अडाणी समूह ने जवाब में लिखा कि यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियाद हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है। यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर किया गया हमला है। यह भारत के विकास की कहानी और उम्मीदों पर हमला है।
2. समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों को मिलाकर तैयार की गई है। इसमें लिखे गए आरोप बेबुनियाद हैं और बदनाम करने की मंशा से लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट का सिर्फ एक ही उद्देश्य है- अडानी ग्रुप पर झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज की मार्केट में अपनी जगह बनाना है , जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग बड़ा आर्थिक फायदा उठा सके।
3. अडाणी समूह ने अपने जवाब में हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। ग्रुप ने कहा कि जब अडानी समूह का IPO लॉन्च होने वाला है, जो कि देश का सबसे बड़ा IPO होगा, तो उससे ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट जारी करके हिंडनबर्ग ने अपनी बदनीयत का सबूत दिया है।
4. अडाणी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट लोगों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जारी की है। इसे जारी करने में हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है। न तो यह रिपोर्ट स्वतंत्र है, न निष्पक्ष है और न ही सही तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है।
Hindenburg Research ने अडानी के जवाब के बाद क्या जवाब दिया ?
अडाणी ग्रुप के रिस्पॉन्स पर Hindenburg Research ने भी जवाब दिया है। Hindenburg Research ने कहा, “धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। अडाणी ग्रुप हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा-समझा हमला बता रहा है। अडाणी ग्रुप अपने और अपने चेयरमैन की बढ़ती हुई आय को भारत के विकास के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है। हम इससे सहमत नहीं हैं।
हम मानते हैं कि भारतीय लोकतंत्र भिन्नताओं को समेटे हुए है। भारत एक उभरती हुई सुपर पावर है, जिसका शानदार भविष्य है। हम यह मानते हैं कि भारत के भविष्य को अडाणी ग्रुप ने पीछे खींच रखा है। जो खुद को देश के झंडे में लपेट कर लूट मचा रहा है। हम मानते हैं कि धोखा… धोखा ही होता है। भले ही यह दुनिया के सबसे ज्यादा अमीरों में शामिल किसी शख्स ने ही क्यों न किया हो। हमने 88 सवाल अपनी रिपोर्ट में पूछे थे और अडाणी ग्रुप इनमें से 62 सवालों के सही तरह से नहीं दिए हैं। इसने हमारी रिसर्च को दरकिनार करने की कोशिश की है।”
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FAQ
प्रश्न : Hindenburg Research कंपनी कौन है ?
उत्तर : Hindenburg Research एलएलसी एक निवेश अनुसंधान फर्म है, जो 2017 में नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग पर ध्यान केंद्रित करती है, न्यूयॉर्क शहर में स्थित है।
प्रश्न : Hindenburg Research कंपनी ने अदानी ग्रुप पर क्या आरोप लगाए है ?
उत्तर : हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी ने अदानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और अकाउंट में हेराफेरी के आरोप लगाए है
प्रश्न : Hindenburg Research कंपनी ने अदानी ग्रुप के संबंध में रिपोर्ट कब जारी की ?
उत्तर : 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग ने अदानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की।
प्रश्न : अदानी ग्रुप ने हिडेनबर्ग की रिपोर्ट के सम्बन्ध में क्या जवाब दिया ?
उत्तर : अडाणी समूह ने जवाब में लिखा कि यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियाद हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है।
प्रश्न : हिंडनबर्ग ने अडानी के जवाब के बाद क्या जवाब दिया ?
उत्तर : अडाणी ग्रुप के रिस्पॉन्स पर हिंडनबर्ग ने भी जवाब दिया है। हिंडनबर्ग ने कहा, “धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। हमने 88 सवाल अपनी रिपोर्ट में पूछे थे और अडाणी ग्रुप ने इनमें से 62 सवालों के सही तरह से नहीं दिए हैं। इसने हमारी रिसर्च को दरकिनार करने की कोशिश की है।