अडानी ग्रुप पर सरकार ने तोड़ी चुपी, वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने ये दिया बयान
वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने क्या जवाब दिया
अडाणी ग्रुप (Adani Group) को हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenbug Report) आने के बाद से ही लगातार झटके लग रहे हैं। कंपनी के करीब सभी शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। यह मामल देश की संसद से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का अहम विषय बना हुआ है। देश की वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने भी इस मामले को लेकर बयान दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश का बाज़ार ‘अच्छी तरह रेगुलेटेड’ हैं, और उन्हें उद्योगपति गौतम अडाणी के व्यापारिक साम्राज्य के विवाद से निवेशकों के विश्वास को प्रभावित होने की उम्मीद नहीं थी।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट में Adani Group पर कई आरोप लगाए थे। इसमें Adani Group पर अकाउंट में धोखाधड़ी और बनावटी अंदाज में शेयरों की कीमतों को बढ़ाने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में इसे स्टॉक में हेरफेर, अकाउंट में धोखाधड़ी और कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया गया है।
डर की क्या है वजह ?
वित्त मंत्री के बयान को इस मायने में भी समझा जा सकता है कि एलआईसी ने अडाणी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। अडाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आने से पहले एलआईसी के इस ग्रुप में निवेश किए गए शेयरों की कीमत 72 हजार करोड़ रुपये से अधिक थी। अब इनकी कीमत करीब 56,142 करोड़ रुपये है।
वित्त मंत्री ने कहा “चिंता करने की कोई जरूरत नहीं”
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को “बदनाम करने वाली एक साजिश” कहा है। वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman से लेकर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन और DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय तक ने इस मुद्दे पर बयान देकर लोगों को भरोसा दिलाया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी बैंक और वित्तीय संस्थान पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होने कहा कि LIC और SBI ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका जोखिम ‘अनुमत सीमा के भीतर है’ और वे मुनाफे में ही हैं। वित्त मंत्री ने एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही है।
नई दिल्ली : वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने शनिवार को कहा कि रेग्युलेटर्स स्वतंत्र हैं और अडानी ग्रुप से जुड़ी चिंताओं को लेकर अपनी कार्रवाई करेंगे. सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “रेग्युलेटर्स अपना काम करेंगे. आरबीआई ने बयान जारी किया है. उससे पहले बैंकों और एलआईसी ने आगे आकर (अडानी ग्रुप में) अपने एक्सपोजर के बारे में बात की. रेग्युलेटर्स स्वतंत्र हैं और वे मार्केट को रेग्युलेट करने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं. ऐसे में रेग्युलेटर्स अपना काम करेंगे.”
भारतीय बाजार अच्छी तरह से हैं रेगुलेटेड
इससे पहले वित्त मंत्री ने कहा था कि देश के मार्केट्स अच्छे तरीके से रेग्युलेटेड हैं और उन्हें नहीं लगता है कि उद्योगपति गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य से जुड़े विवाद की वजह से निवेशकों के विश्वास पर किसी तरह का असर पड़ेगा.
बना रहेगा निवेशकों का विश्वास
Nirmala Sitharaman ने एक इंटरव्यू में कहा कि पब्लिक सेक्टर की वित्तीय संस्थाएं पहले ही डिटेल्ड स्टेटमेंट दे चुकी हैं कि अडानी ग्रुप में उनका एक्सपोजर बहुत सीमित है और शेयरों में गिरावट से उनपर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि निवेशकों का जिस तरह का विश्वास पहले था, वैसा ही आगे भी जारी रहेगा..”
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FAQ
प्रश्न : अडानी मामले पर वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने क्या बयान दिया ?
उत्तर : वित्त मंत्री ने कहा “चिंता करने की कोई जरूरत नहीं”
प्रश्न : डर की क्या है वजह ?
उत्तर : वित्त मंत्री के बयान को इस मायने में भी समझा जा सकता है कि एलआईसी ने अडाणी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। और हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अदानी ग्रुप के शेयरो में भारी गिरावट देखी जा सकती है जिसकी वहज से निवेशकों में डर बना हुआ है
प्रश्न : क्या इन सबके बाद भी बना रहेगा निवेशकों का विश्वास ?
उत्तर : वित्त मंत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि निवेशकों का जिस तरह का विश्वास पहले था, वैसा ही आगे भी जारी रहेगा.”