पंडित प्रदीप मिश्रा जी दवारा बताया गया कालसर्प दोष का उपाय (Kal Sarp Dosh)
Kal Sarp Dosh क्या है ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार Kal Sarp Dosh का बनना व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु की स्थिति पर निर्भर करता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु हमेशा वक्री रहते हैं और राहु और केतु के बीच अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो व्यक्ति कालसर्प दोष से पीड़ित माना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष का प्रभाव अलग-अलग होता है।
सनातन धर्म में व्यक्ति की कुंडली के आधार पर ग्रहों का आंकलन किया जाता है और व्यक्ति के जीवन में दोषों और योगों की गणना की जाती है। यदि कुंडली में कालसर्प दोष हो तो विवाह, संतान, मान-सम्मान, धन, व्यवसाय आदि से संबंधित समस्याओं की संभावना अधिक होती है।
अगर कुंडली में Kal Sarp Dosh है तो ये लक्षण दिखाई देते हैं
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में Kal Sarp Dosh होता है तो उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह दोष उन्हें शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान रहने के साथ-साथ संतान संबंधी समस्याओं से भी पीड़ित करेगा। इसके अतिरिक्त, कालसर्प दोष आपकी नौकरी में समस्या , विदेश यात्रा में रूकावट , विवाह में विलम्ब, दाम्पत्य सुख में कमी, व्यापार में घाटा पैदा कर सकता है | इस योग वाला व्यक्ति बहुत ऊँचाईयाँ छूता है या ऊँचाइयाँ छूने के बाद नीचे गिर जाता है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प योग है, तो उन्हें समस्या के समाधान के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
Kal Sarp Dosh का उपाय
अगर आपकी पत्रिका में कालसर्प दोष है और आप त्र्यंबकेश्वर जाकर पूजन नहीं करा सकते तो एक तांबे के कलश में शक्कर भर लो और उस पर चांदी के दो नाग नागिन रख लो | रविवार के दिन घर में जिस पलंग पर आप सोते हो, उस पलंग के थोड़ी सी दूरी पर उस कलश को रख लो |अगले दिन सोमवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके दोनों नाग नागिन की पूजा करो | घर में किसी से ज़्यादा बात ना करो | थोड़ा सा कटोरी में कच्चा दूध लेकर उस नाग नागिन पर चढ़ाकर पूजन कर ले |दो सफ़ेद फ़ूल चढ़ाकर उस कलश को शिव मंदिर ले जाओ और शंकर के शिवलिंग पर अर्पण कर दो और कलश घर पर ले आओ | घर पर वापिस आ कर दुबारा स्नान कर लो | पंडित प्रदीप मिश्रा जी कहते है ये उपाय करने से कितना भी भारी कालसर्प दोष हो, वह ठीक हो जाता है |
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