ईमानदारी का फल (Motivational Story in Hindi)

Motivational Story in Hindi : किसी भी काम में ईमानदारी होना बहुत जरूरी है। यदि हम अपने दैनिक जीवन में ईमानदारी से कार्य करते हैं तो हमें ईमानदारी का फल मिलता है।

Short Motivational Story On Honesty

पुराने समय की बात है ढोलकपुर नाम का एक राज्य था। उस राज्य का राजा बहुत अच्छा और दयावान भी था। राजा को केवल एक बात का ही सुख नहीं था वह यह कि उसके कोई भी संतान नही थी ।

राजा चाहता था कि वह राज्य के किसी योग्य बालक को गोद लेकर उसे उत्तराधिकारी बनाए। यह देखकर राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी कि सभी बालक महल में उपस्थित हों।

राजा की घोषणा के अनुसार सभी बच्चे महल में एकत्रित हो गए। राजा इनमें से किसी एक बच्चे को गोद लेने वाले थे। राजा ने सभी बच्चों को पौधे लगाने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के बीच दिए और कहा कि अब हम छह महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा है। राजा ने यह भी कहा कि जिस बच्चे का पौधा सबसे अच्छा होगा उसे गोद लिया जाएगा। सभी बच्चे अपने-अपने घर चले जाते हैं।

कई महीनों के बाद, वे सभी अपने पौधे लेकर महल में आते हैं। उन सभी बच्चों के गमले में बीज अंकुरित हो चुके थे, लेकिन उन सभी बच्चों में एक ही बच्चा ऐसा था, जिसका गमला खाली था, यानी बीज अभी तक अंकुरित नहीं हुए थे। लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था और रोज पौधे में पानी डालता था।

तीन महीने बीत गए और बच्चा परेशान हो गया। तब उसकी माँ ने कहा, “बेटा, धीरज रखो, कुछ बीज फल देने में बहुत समय लेते हैं।” लड़का पौधों को पानी देता रहा।

6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था लेकिन वह लड़का डरा हुआ था कि बाकी सभी बच्चों के गमले में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा। लड़का ईमानदार था, इसलिए वह महल में चला गया।

सभी बच्चे अपने पौधे महल में ले आए। कुछ बच्चे उत्साह से भरे हुए थे और राज्य का उत्तराधिकारी बनना चाहते थे। राजा ने सभी बच्चों को अपना गमला दिखाने का आदेश दिया, लेकिन एक बच्चा डरा हुआ था क्योंकि उसका गमला खाली था।

राजा और बाकी सबकी निगाहें उस बच्चे के गमले की ओर गई। राजा तुरंत उस बच्चे के पास जाता है और उससे पूछता है कि उसके गमले में बीज क्यों नहीं फूटे। वह बच्चा कहता है कि उसने रोज इस पौधे की देखभाल की है और उसने रोज पौधे को पानी दिया है, लेकिन वह नहीं जानता कि उसके गमले में बीज क्यों नहीं फूटे।

राजा ने सभी बच्चों के गमले देखकर उस बच्चे को सबके सामने बुलाया। वह बच्चा डर गया, लेकिन जब राजा ने उस बच्चे का गमला सबको दिखाया तो सभी बच्चे जोर-जोर से हंसने लगे। राजा ने कहा सब शांत हो जाओ। राजा की आज्ञा से सब शांत हो जाते हैं। वह उन सभी से कहता है कि मैंने तुम्हें जो बीज दिए थे, वे बंजर थे, तुम उनकी कितनी भी देखभाल कर लो, उनमें से कुछ नहीं निकलता।

राजा उसकी ईमानदारी से बहुत ज्यादा खुश थे और उन्होंने ये भी देखा की उसका गमला खाली था फिर भी वो बच्चा हिम्मत करके राजमहल तक आया । राजा ने उस बच्चे की मेहनत और इमानदारी की वजह से उसे राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया। इस बच्चे को अपनी ईमानदारी का फल मिलता है । वो बहुत ज्यादा खुश हो गया ।

राजा बालक की ईमानदारी से बहुत खुश हुआ और उन्होंने ये भी देखा की उसका गमला खाली था फिर भी वो बच्चा हिम्मत करके राजमहल तक आया | बालक की मेहनत और ईमानदारी के कारण राजा ने उसे राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया। इससे बच्चा बहुत खुश हुआ।

कहानी से सीख़ (Moral of the Story)

ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है। अगर हम खुद के प्रति ईमानदार हैं, तो हम अपने जीवन में कभी न कभी जरूर सफल होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *