घोर कलयुग का भयंकर सच जानकर उड़ जाएंगे आपके होश | Ghor Kalyug

Ghor Kalyug : कलियुग मतलब अंधकार युग , क्लेश और कलह का युग, वह युग जब सभी की सोच असंतुष्ट होगी और हर कोई मानसिक रूप से दुखी होगा। इस युग में केवल एक चौथाई धर्म जीवित रहेगा। कलियुग की शुरुआत 3102 ईसा पूर्व में हुई थी। श्रीमद्भागवत पुराण और भविष्य पुराण में कलियुग के अंत का वर्णन किया गया है।

हिन्दू धर्म और पुराणों के अनुसार कलियुग की आयु कितने वर्ष होगी?

हिन्दू धर्म और पुराणों के अनुसार कलियुग की आयु 432000 वर्ष है। युग की आयु अस्थायी अनुपात 4:3:2:1 के साथ घटती जाती है क्योंकि प्रत्येक युग में पाप बढ़ता जाता है। सबसे पहला युग सतयुग था , जिसकी आयु 1728000 वर्ष थी , फिर त्रेतायुग आया , जिसकी आयु 1296000 हजार वर्ष रही , उसके बाद द्वापरयुग आता है जिसकी उम्र  864000 वर्ष थी , और अब यह कलियुग चल रहा है जिसकी उम्र  432000 वर्ष है। अभी कलियुग का केवल पहला भाग चल रहा है, 2016 तक 5000 वर्ष बीत चुके हैं। कलियुग के समाप्त होने में अभी बहुत समय है। पुराणों में कलियुग के अंत और अंतिम चरण का उल्लेख किस प्रकार दिया गया है, इए जानते हैं।

कलयुग की समाप्ति कब होगी और कैसे होगी? (When and how will Kalyug end)

कलियुग युग जैसा कि हम सभी जानते हैं, वर्तमान युग कलियुग के रूप में जाना जाता है। सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार चार युग हैं: सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। प्रत्येक युग का एक निश्चित समय होता है और जब वह समय समाप्त होता है तो युग बदल जाता है। समय बीतने के साथ सब कुछ बदल जाता है, जिसमें मनुष्यों की उम्र और उनके विकास के साथ-साथ सभी जीवित प्रजातियों की उम्र भी शामिल है। तो अब हम वर्तमान युग पर और कलियुग के समाप्त होने पर कि यह कैसे समाप्त होगा उस पर चर्चा करेंगे , तो आइए जानते हैं।

सनातन धर्म ग्रंथों अनुसार कलयुग का अंतिम चरण कैसे होगा और Ghor Kalyug कब आऐगा?

हम सभी जानते हैं कि वर्तमान युग को कलियुग के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार चार युग हैं: सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। इन चारों युगो में Kalyug सबसे भयानक युग है और हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कलयुग की आयु 4,32,000 वर्ष तक है और वर्तमान में कलियुग के 5022 वर्ष बीत चुके हैं, अत: आप इससे अनुमान लगा सकते हैं कि कलियुग के कितने वर्ष शेष हैं।

आपके मन में भी यह जानने की उत्सुकता होती होगी की घोर कलयुग कब आएगा

कलयुग एक ऐसा समय है जब पृथ्वी पर चीजें बहुत खराब होंगी। Kalyug समाप्त होने के बाद कलयुग नामक भयानक काल आएगा, जो थोड़े समय के लिए ही रहेगा। इस समय के दौरान इतने पाप होने लगेंगे कि इंसान आपस में ही लड़ने  झगड़ने  के लिए तैयार रहेंंगे , पृथ्वी पर कोई ईश्वर नहीं होगा, और मनुष्य बिना किसी नैतिक मूल्यों के रहेंगे। हर कोई स्वार्थी हो जाएगा और भगवान की पूजा करने के लिए कोई जगह नहीं होगी। केवल मृतकों की आत्माएं ही पृथ्वी पर रहेंगी। संसार इतने पाप से भर जाएगा कि आने वाले कलयुग में लोग मनुष्य का मांस खा सकते हैं।

धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि कलियुग के अंत के दौरान, जब मनुष्य एक-दूसरे के खून के प्यासे होंगे, हत्या, चोरी, बलात्कार और ब्लैकमेल सबसे आम होंगे। इससे धरती का रंग बदल जाएगा और उस पर मानव लहू बहेगा।

कलियुग में दुनिया इतनी खराब हो जाएगी कि लोग अपने माता-पिता या बच्चों को भी नहीं पहचान पाएंगे। माता-पिता की मृत्यु के बाद बच्चे अपने पिता की आत्मा के लिए प्रार्थना भी नहीं करेंगे। इस युग में धर्म लगभग न के बराबर होगा, और धर्म अंततः समाप्त हो जाएगा।

कलियुग के अंत में पापों की सीमा इतनी अधिक बढ़ जाएगी कि भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और सभी पापियों को नष्ट कर देंगे। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और पूरी दुनिया के पापियों का नाश करेंगे, इसके बाद सभी दुष्टों का विनाश होगा और फिर एक नए युग की शुरुआत होगी। तीन दिन जब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेकर अधर्म और पाप से लड़ेंगे, तब वह क्रूर कलियुग कहलाएगा और पापों के विनाश का दिन और अधर्म के विनाश के दिन के रूप में जाना जाएगा।

कलयुग के अंत से पहले कौन कौन सी घटनाएँ होंगी?

कलियुग के अंत से पहले कई संकेतक दिखाई देने लगेंगे। पुराणों और शास्त्रों में इसका वर्णन मिलता है। पुराणों की माने तो कलियुग में पाप चरम पर होगा, लोग एक दूसरे को गाली देंगे, सभी देश आपस में लड़ने को तैयार हो जाएँगे, एक दूसरे के इलाके पर कब्ज़ा कर लिया जाएगा और इंसान और जानवर दोनों पर अत्याचार होगा।

वातावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगा, धरती रहने लायक नहीं बचेगी, पानी पीने के लिए अनुपयुक्त हो जाएगा, और खाने के लिए कुछ भी नहीं होगा। ऐसे में इंसानियत एक दूसरे का खून चूसेगी और लालच अपने चरम पर होगा। कोई किसी का नहीं होगा, बाप-बेटा बाप को मार डालेंगे, कोई स्त्री की इज्जत नहीं करेगा, सब लालची होंगे, दुनिया में हाहाकार मचेगा। हर तरफ दहशत फैल जाएगी । मनुष्य एक दूसरे को सताएंगे व मारेंगे, लूटेंगे, और चारों ओर दुष्टता होगी।

कब होगी कलयुग की समाप्ति?

ब्रह्म-वैवर्त पुराण में, भगवान कृष्ण कहते हैं कि कलियुग 4,32,000 वर्षों के बाद समाप्त हो जाएगा, और उसके बाद शांति और समृद्धि का युग आएगा।

शास्त्रों के अनुसार समय का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसके अनुसार हमारे पूर्वजों का एक दिन और एक रात मनुष्य के एक महीने के बराबर होता है। दूसरी ओर देवताओं का एक दिन और रात मनुष्यों के एक वर्ष के बराबर होता है।

इसी तरह, देवताओं का एक महीना 30 मानव वर्षों के बराबर होता है, और देवताओं का एक वर्ष 360 मानव वर्षों के बराबर होता है। शास्त्रों के अनुसार कलियुग 4,32,000 वर्ष का होता है, जिसमें 4,27,000 वर्ष शेष रहते हैं। जब कलियुग का अंत निकट आएगा, तो मानव जाति का अंत शुरू हो जाएगा। मनुष्य एक दूसरे के प्रति शत्रुतापूर्ण हो जाएंगे और एक दूसरे को मारने लगेंगे। कलियुग के अंत तक मनुष्य की आयु मात्र 13 वर्ष की होगी और उसकी लम्बाई मात्र 4 इंच होगी।

कलियुग के अंत के बाद कौन से युग की शुरुवात होगी?

पुराणों के अनुसार जब Kalyug का अंत होगा, तब पृथ्वी पर जीवन की एक नई शुरुआत होगी। प्रकृति धीरे-धीरे पूरे ग्रह को पुनः प्राप्त कर लेगी। एक नए युग की शुरुआत करते हुए, मनुष्य का पृथ्वी पर पुनर्जन्म होगा। इस नए युग में न तो कोई पाप होगा और न ही कोई पापी। सारी मानवता सह-अस्तित्व में रहेगी और महान जीवन जिएगी। सभी भगवान को याद करेंगे और एक दूसरे के प्रति दयालु रहेंगे।

सतयुग 17 लाख 28 हजार वर्ष का होगा और लोगों की आयु 4000 से 10000 वर्ष के बीच होगी। धर्म का साम्राज्य विश्व भर में फैलेगा, और धर्म एक बार फिर धरती पर बोलेगा। लोगों के दिलों में एक दूसरे के लिए कोई दुश्मनी नहीं होगी; इसके बजाय, आपसी प्रेम और सीधी भावना होगी। मानवता को पुनर्स्थापित किया जाएगा, और मनुष्य परम ज्ञान प्राप्त करेगा। मनुष्य शारीरिक सुख से ऊपर मानसिक आनंद को प्राथमिकता देगा। धर्म और कर्मकांड में विश्वास करने लगेंगे।

मनुष्य सतयुग में तपस्या के माध्यम से भगवान के साथ संवाद करने और भगवान को प्राप्त करने में सक्षम होगा। इस अवधि में मनुष्य का अपने शरीर पर पूर्ण नियंत्रण रहेगा। परमात्मा से आत्मा का जुड़ाव ही मनुष्य को सुख प्रदान करेगा। सतयुग को विश्व का स्वर्ण युग कहा जाएगा।

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